Tuesday, March 1, 2011

हम भी हैं वर्ल्‍ड कप में


क्रिकेट वर्ल्‍ड कप का बुखार हर खेलप्रेमी पर चढ़ा हुआ है। हम भी इसके शिकार हैं। शिकार भी कुछ इस तरह हुए कि इस पर एक कविता ही लिख डाली। रूमटूरीड नाम की एक अन्‍तर्राष्‍ट्रीय संस्‍था है, जो बच्‍चों के लिए पुस्‍तकें और पुस्‍तकालय उपलब्‍ध करवाने के लिए बड़े पैमाने पर काम कर रही है। इस वर्ल्‍ड कप में रूमटूरीड भी शामिल है। आयोजकों और रूमटूरीड के बीच कुछ ऐसा तालमेल हुआ है कि वर्ल्‍डकप में लगने वाले हर छक्‍के पर रूमटूरीड को पच्‍चीस हजार रूपए मिलेंगे। इस राशि को बालिकाओं के लिए किताबें उपलब्‍ध करवाने पर व्‍यय किया जाएगा।

रूमटूरीड के साथ मेरा पुराना संबंध रहा है। रूमटूरीड ने मेरी कविताओं के चार पोस्‍टर,एक कहानी और एक फिल्‍प बुक प्रकाशित की है। ये सब बच्‍चों के लिए हैं और मैं बच्‍चों के लिए लिखे जाने वाले साहित्‍य पर काम करता रहा हूं। मेरी 30 साल की कामकाजी जिन्‍दगी के 20-22 साल इसी में गुजरे हैं। जिसमें से 17 साल तो मैंने चकमक,बालविज्ञान पत्रिका के संपादन में ही जिये हैं।

वर्ल्‍ड कप शुरू होने को था तो रूमटूरीड में विचार बना कि क्‍यों न एक ऐसा कविता पोस्‍टर प्रकाशित किया जाए जिसमें वर्ल्‍ड का शुभंकर स्‍टंपी भी हो। रूमटूरीड में कार्यरत मेरी मित्र रंजना ने मुझे फोन किया और ऐसी एक कविता का आग्रह किया। समय कम था। पर जैसी कि कहावत है जहां न पहुंचे रवि,वहां पहुंचे कवि। तो हम भी रवि तो नहीं चांद पर जा पहुंचे। कविता लिख भेजी।

कुछ दिन चुप्‍पी छाई रही। फोन करके पूछा तो पता चला कि वह तो चुन भी ली गई है और अभी उसके फ्लैक्‍स बन रहे हैं जिन्‍हें भारत-इंग्‍लैंड मैच के दौरान बंगलौर में 27 फरवरी को प्रदर्शित किया जाएगा। पोस्‍टर बाद में छपेगा। लो जी हम 27 फरवरी को मैच के दौरान टीवी पर आंखें गड़ाए बैठे रहे कि कहीं अपनी कविता नजर आ जाएगी। पर ऐसा कुछ नहीं हुआ।


अब पता चला है कि रूमटूरीड ने अपना स्‍टाल वहां लगाया था जहां टीमें ठहरी थीं। तो आप भी देखिए उस अवसर के फोटो। प‍हले फोटो में रूमटूरीड की कंट्री डायरेक्‍टर सुश्री सुनिशा आहूजा भारतीय क्रिकेट टीम के सदस्‍य  विराट कोहली को रूमटूरीड के बारे में बता रहीं हैं, साथ में हैं कुछ बालिकाएं और अन्‍य लोग। दूसरे फोटो में विराट कोहली कविता के फ्लैक्‍स पर हस्‍ताक्षर कर रहे हैं। कुछ और फोटो यहां देख सकते हैं। हां फ्लैक्‍स में हमारा नाम खोजने की कोशिश न करें क्‍योंकि वह स्‍टंपी(हाथी) के चित्र के समानांतर आड़ी पंक्ति में लिखा है जो यहां नजर नहीं आ रहा। यहां अपना हाल मैदान में बैठे हजारों दर्शकों में से एक जैसा ही है। पर खुशी यही है कि अपन वहां हैं।

तो यह रही कविता-
हाथी बोला भालू से
क्रिकेट खेलें आलू से
भालू नारियल लाया
हाथी ने शॉट जमाया
नारियल गया चांद पर
दुनिया सारी फांद कर
चांद एकदम सफेद झक
जैसा अपना वर्ल्‍ड कप
                                                           0 राजेश उत्‍साही
(फोटो आईसीसी वेबसाइट के सौजन्‍य से) 

18 comments:

  1. बधाई भाई जी, साथ में भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनायें !

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  2. आदरणीय उत्साही जी ,

    आप इतने वर्षों से बालसाहित्य को समर्पित हैं ,जानकर बड़ी ख़ुशी हुई | क्रिकेट के मैदान में न सही -वहाँ कहीं भी आपकी रचना अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है , बड़े हर्ष की बात है |

    बहुत-बहुत शुभकामनायें |

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  3. हाथी बोला भालू से
    क्रिकेट खेलें आलू से
    भालू नारियल लाया
    हाथी ने शॉट जमाया
    नारियल गया चांद पर
    दुनिया सारी फांद कर
    चांद एकदम सफेद झक
    जैसा अपना वर्ल्‍ड कप
    aapke is roop ko bhi jaana , vividh kshamtasyen

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  4. अरे वाह, यह तो आनन्द आ गया। आपकी कविता विश्वकप पर।

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  5. बहुत बहुत बधाई....अच्छी खबर है यह तो.
    रूम टू रीड का यह प्रयास बहुत ही सराहनीय है.

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  6. चांद एकदम सफेद झक
    जैसा अपना वर्ल्‍ड कप

    बहुत ही सुन्‍दर ..बधाई के साथ शुभकामनाएं ।

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  7. चाँद में वर्ल्ड कप का आरोपण अच्छा लगा। क्रिकेट वर्ल्ड कप को हिन्दी विशेषत: बाल-साहित्य से जोड़ने के फलस्वरूप रूमटूरीड बधाई के पात्र हैं तथा आप भी कि आपने उन्हें रचनात्मक सहयोग प्रदान किया।

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  8. पवित्र मिशन और भोली कविता!! नमन गुरुदेव!!

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  9. बहुत ही सुन्‍दर . बधाई. शुभकामनाएं .

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  10. फ़ोटो नहीं देख पा रहे हैं राजेश भाई, फ़िर आयेंगे। बधाई स्वीकार करें।

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  11. शानदार छक्‍का.

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  12. बहुत सुन्दर प्रस्तुति|
    महाशिवरात्री की हार्दिक शुभकामनाएँ|

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  13. इस अभियान के बारे में टीवी पे काफी दिन से देख रहे है पर पता नहीं था की आप भी इससे जुड़े है मेरी तरफ से बधाई स्वीकार करे | पर क्या ये झक सफ़ेद वर्ड कप हमारे पास ही रहेगा या कोई और इसे ले उड़ेगा |

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  14. हाथी बोला भालू से
    क्रिकेट खेलें आलू से
    भालू नारियल लाया
    हाथी ने शॉट जमाया
    नारियल गया चांद पर
    दुनिया सारी फांद कर
    चांद एकदम सफेद झक
    जैसा अपना वर्ल्‍ड कप
    .... बहुत बढ़िया उम्दा बाल कविता .... आज जहाँ लोग नाम के पीछे भाग रहे हैं आपका नाम से ज्यादा काम में विश्वास और सामाजिक कार्यों में निस्वार्थभाव से संलग्न रहना आपकी उत्कृष्टता को प्रदर्शित करती हैं ... आपका यह प्रयास अनुकरणीय हैं.... आपका आभार .

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  15. अगर नारियल की जगह आलू ही रहता तो कैसा होता ।

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  16. बच्चों के लिए आपके योगदान से मैं तो परिचित ही हूँ. बधाई इस कविता के लिए.

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  17. बहुत बढ़िया उम्दा बाल कविता , आभार ...

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  18. ..बधाई हो। बढ़िया बाल गीत।

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