अधेड़ पेड़
फिर हरा हो रहा है
आ रही हैं
नई पत्तियां
संचित हो रही है
ऊर्जा
जन्म ले रही हैं कोशिकाएं
बन रहा है प्लाज्मा
सक्रिय हो रहा है केन्द्रक
अधेड़ पेड़ में ।
0 राजेश उत्साही
फिर हरा हो रहा है
आ रही हैं
नई पत्तियां
संचित हो रही है
ऊर्जा
जन्म ले रही हैं कोशिकाएं
बन रहा है प्लाज्मा
सक्रिय हो रहा है केन्द्रक
अधेड़ पेड़ में ।
0 राजेश उत्साही
राजेश जी ,
ReplyDeleteबहुत भावः पूर्ण आशावादी कविता ...बधाई ..समय निकल कर मेरा ब्लॉग भी देखिये .
शुभकामनायें .
हेमंत कुमार
पेड़ का अधेड़ होना
ReplyDeleteऊर्जा का पाना है
इंसान का अधेड़ होना
ढेर हो जाना है।
सच कहूं
कहीं कहीं तो
सपनों का मर जाना है।