Saturday, April 11, 2009

किस्‍से आलू मिर्ची चाय जी के

आलू मिर्ची जिंदगी में सबसे अधिक गाया : संदीप नाईकजैसा कि मैंने लिखा था आलू मिर्ची गीत के किस्‍से और भी हैं। तो किस्‍से आने शुरू हो गए हैं। संदीप नाईक ने यह राज खोला है कि अपनी 42 साल की जिंदगी में उन्‍होंने बहुत सारे गीत याद किए और तमाम जगह गाए। लेकिन उनमें सबसे ज्‍यादा बार आलू मिर्ची चाय जी गाया। संदीप मेरे बहुत अच्‍छे मित्र हैं। वे बहुत अच्‍छे गायक हैं। एकलव्‍य की ग्रुप मीटिगों में उनकी म‍हफिल रात-रात भर चलती थी। पिछले आठ-दस सालों से वे भोपाल में हंगर प्रोजेक्‍ट के मप्र के राज्‍य समन्‍वयक हैं। जहां तक मैं जानता हूं उन्‍होंने अपना कैरियर एकलव्‍य के देवास केन्‍द्र से ही शुरू किया था। बल्कि वे देवास केन्‍द्र में पुस्‍तकालय आदि में आने वाले युवाओं में शामिल थे। फिर उन्‍होंने एकलव्‍य में कोई दस-बारह साल काम‍ किया। यह वही समय था जब आलू मिर्ची चाय जी देवास,उज्‍जैन के आसपास के गांवों में बच्‍चे-बच्‍चे की जुबान पर था। संदीप ने लिखा है कि जब वे गांव में जाते थे, तो बच्‍चे कहते थे आलू मिर्ची वाले आ गए। यह इसलिए क्‍योंकि संदीप बच्‍चों के बीच इस गीत को जरूर गाते थे। बहुत से बच्‍चे जो अब युवा हो गए हैं संदीप को अब भी मिर्ची वाला कहते हैं। शुक्रिया संदीप भाई।

आलू मिर्ची के चाहने वाले और भी हैं.........मुझे पता है संदीप की तरह और भी कई मित्र हैं जो इस गीत को बच्‍चों के बीच लगातार लोकप्रिय बनाने में लगे रहे हैं। इनमें देवास एकलव्‍य के रविकांत मिश्र और उज्‍जैन एकलव्‍य के प्रेम मनमौजी का नाम तो मैं ले ही सकता हूं। होशंगाबाद विज्ञान शिक्षण कार्यक्रम के एक स्रोत शिक्षक कमलनयन चांदनीवाला इस गीत को इस अदा से गाते थे कि सुनते ही नहीं देखते भी बनता था। चकमक क्‍लब से निकले गजानंद और शाकिर पठान अब भी इस गीत का उपयोग करते ही रहते हैं। परासिया,छिदंवाड़ा में होशंगाबाद विज्ञान शिक्षण कार्यक्रम के स्रोत प्राध्‍यापक डॉ विजय दुआ का यह प्रिय गीत है। तो मैं आप सबको आमंत्रित करता हूं कि जिसके पास जो भी किस्‍सा हो इस गीत का, कृपया मुझे भेजें। संदीप ने शुरुआत कर दी है।

2 comments:

  1. Thank you Rajesh
    It was nice to read my self with the song Aloo Mirchi wala.......
    Grreat.
    Thanx
    Love
    SAm

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  2. भाई राजेश जी ,
    सादर नमस्कार .
    सबसे पहले तो मैं आपको अजीम प्रेमजी फौन्डेशन में पहुँचने के लिए बधाई देना चाहूँगा .यह संयोग ही है की ब्लॉग के माध्यम से पहले रावेन्द्र रवि ,कमलेश जोशी जी से फिर आपसे मुलाकात हो रही है .ब्लॉग के बारे में तो अभी पढूंगा तब कुछ टिप्पणी दूंगा .
    शुभकामनाओं के साथ.
    हेमंत कुमार

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