गांधी जयंती पर सबको आना था और समय पर आना था।
जो बच्चे लेट आए उन्हें सजा दी गई। स्कूल का परिसर साफ करो। कचरा बीनो और उसे कूड़ेदान में डालो।
बच्चों ने सत्याग्रह कर दिया। और जो भी करवाना हो करवाओ, पर हम यह गंदा काम नहीं करेंगे।
0राजेश उत्साही
बिल्कुल सही जी....हर कोई गांधी थोड़े ही न है जो गंदा काम करेगा। आप भी न कैसी बातें करते हैं। सफाई वाले ऱखे किस लिए जाते हैं। क्या आप भी न राजेश जी...। बस ऐसी ही..।
ReplyDeleteगांधीजी के साधनों का प्रयोग उनके ही सिद्धान्तों के विरुद्ध।
ReplyDeleteसत्याग्रह या सविनय अवज्ञा.
ReplyDeleteपक्के तौर पर 'सविनय' तो कतई नहीं। हां अवज्ञा तो है ही। और तथाकथित सत्याग्रह भी।
Deleteमुझे लगता है की बच्चो ने सही कहा , कही की भी सफाई करना कभी सजा के तौर पर नहीं देना चाहिए नहीं तो बच्चो को कोई भी सामाजिक कार्य करना सजा जैसा लगेगा अच्छा काम नहीं |
ReplyDeletebadiya vicharniya prastuti..
ReplyDeleteaabhar!
:)
ReplyDeletefarj aur sajaa alag-alag hi rahe .
ReplyDeleteuday tamhane
bhopal
समाज में फैली हुई वैचारिक गंदगी को साफ़ करने हेतु कुछ गंदे काम तो करने ही होंगे , वो ख्जते हैं न ...... ? कि दाग लगने से कुछ अच्छा होता है तो दाग अछे हैं.......
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