Saturday, August 4, 2012

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                                                                                 राजेश उत्‍साही 

-अन्‍ना ने बहुत बुरा किया।
-हां यार सचमुच।
-अब कैसे मिटेगा भ्रष्‍टाचार इस देश से।
-उनसे ही कुछ उम्‍मीद थी।
दोनों राज्‍य परिवहन की बस में सवार थे। टिकट टिकट.... कंडक्‍टर ने आवाज लगाई।
-दो टिकट कोदंडराम नगर।
-चौदह रूपए।
पहले ने बीस का नोट आगे किया।
कंडक्‍टर ने दस का नोट वापस किया और आगे बढ़ गया।
-भाई साहब टिकट..।
-अरे छोड़ो न यार,क्‍या करोगे।...कंडक्‍टर मुस्‍कराया।
और दोनों फिर से चर्चा में डूब गए।
-बहुत भ्रष्‍टाचार है इस देश में।...पहला बड़बड़ाया।
-कैसे जाएगा ये।...दूसरे ने फिर चिंता जताई।
                               0 राजेश उत्‍साही 

8 comments:

  1. AAPKI BAAT THIK HAI RAJESH JI
    LEKIN
    BHRASHTACHAR TO
    MITANA HAI TO
    UPARI TABAKE SE
    HI MITAYA JA SAKATA HAI.
    UDAY TAMHANE
    B.L.O.
    BHOPAL

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    1. उदय भाई इसीलिए भ्रष्‍टाचार नहीं मिट रहा है। सब उसे अपना नहीं किसी ओर का काम मान रहा है। ऊपरी और निचले सभी तबके के लोग अपना तात्‍कालिक लाभ देख रहे हैं। जब तक हम इस मानसिकता से छ़टकारा नहीं पाएंगे तब तक यह होता हुआ नहीं दिखता।

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  2. SAHI HAI RAJESH JI
    MERA MATALAB YAHI HAI KI
    MATRA SARKARI STAR SE YAH NAHI MIT SAKEGA.
    UDAY TAMHANE
    BHOPAL

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  3. सिर्फ और सिर्फ हर आदमी अगर खुद को भ्रष्ट होने से बचा ले तो भ्रष्टाचार नहीं रहेगा. लेकिन हमारी मानसिकता को बदलना इतना आसान नहीं है.

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  4. यही तो मुश्किल है ... इस राह की ...

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  5. बस इसीलिये रुके हुये थे...सब सामान्य कर बैठे..

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  6. आइना दिखा रहे है आप ...

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  7. SAHI HAI.
    KANOON SE BHRASHTACHAR NAHI JA SAKEGA.
    MANSIKATA BADALANA HOGI.
    LEKIN JO LOG
    ROTI KAPADE KI BHI SAHI JOOGAD NAHI KAR PATE.
    UNSE MANSIKATA BADALANE KI APEKSHA KAISE KARE.
    UDAY TAMHANE.

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