राजेश उत्साही |
एक आवासीय स्कूल में बच्चों के लिए फल रख हुए
थे। वहां एक तख्ती लगी थी कि,‘केवल एक ही फल लें। क्योंकि भगवान इस बात की
निगरानी कर रहे हैं कि कौन एक से अधिक से लेता है।’
एक दूसरी जगह बच्चों के लिए चॉकलेट रखीं थीं।
वहां भी यही चेतावनी लिखी थी। लेकिन वहां किसी बच्चे ने अपनी तोतली हस्तलिपि में
लिखकर लगा दिया था,'एक से अधिक चॉकलेट ली जा सकती हैं,क्योंकि भगवान फिलहाल फल
की निगरानी में व्यस्त हैं।’
*
एक दोस्त ने यह एसएमएस भेजा था। पढ़ने में
वह एक चुटकुले की तरह और मासूमियत भरा लगता है।पर उसमें कितनी तर्कसंगत बात छुपी
है,जिसे हम धीरे-धीरे भूलते जाते हैं। और बस मान लेते हैं कि जो कहा जा रहा है वह
सही है।
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