Saturday, May 9, 2009

बंगलौर : एक

कनार्टक राज्‍य परिवहन की
बस नम्‍बर के-4 एम 1455
रूट न 341 सी का
कंडक्‍टर
डयूटी पर निकलने से पहले
माथे पर तिलक लगाकर
भगवान के सामने रोज करता
है प्रार्थना

हे प्रभु
नायकनहल्‍ली से मोरीगेट की
आज कम से कम दस
सवारियां देना
ताकि दिन भर का
चाय का खर्चा निकल आए

और हां
करना कुछ ऐसा कि
नायकनहल्‍ली मंदिर के
कोने पे
वो दाढ़ी वाला
चूक जाए बस

दाढ़ी वाला
मांगता है टिकट
बहकाता है और लोगों को भी
न खुद बचाता है पैसा
न बचाने देता है मुझे

पता नहीं कैसा
सिरफिरा है
तीन रुपए का सफर
पांच रुपए की टिकट लेकर
करता है

हे प्रभु
इस सिरफिरे को
थोड़ी अक्‍ल दो
और मुझे कम से कम
दस सवारी

बस नम्‍बर
के-4 एम 1455
रूट नम्‍बर 341 सी का
कंडक्‍टर
डयूटी पर निकलने से पहले
माथे पर तिलक लगाकर
भगवान के सामने रोज करता
है प्रार्थना
0 राजेश उत्‍साही

4 comments:

  1. क्‍या प्रार्थना है ..

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  2. vah, mmaja aa gaya.
    kiya prathna hai.

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  3. Dost,
    vah maaja aa gaya.
    ase log bhi hai, jo bhagwan se prathan karte samay aapko bhi yaad karte hai.
    Thankyou

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  4. ब्लॉग बुलेटिन से होते हुए कनार्टक राज्‍य परिवहन की बस नम्‍बर के-4 एम १४५५ रूट न 341 सी तक पहुंचना बहुत रोमांचकारी है

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