हाथ दुआ है
हाथ दवा है
हाथों में ही
बसी हवा है
हाथ प्यार है
हाथ वार है
हाथों में ही
आविष्कार है
हाथ खेल है
हाथ रेल है
हाथों में ही
चम्पी-तेल है
हाथ्ा कलम है
हाथ श्रम है
हाथों में ही
छुपी शरम है
हाथ कान है
हाथ जुबान है
हाथों में ही
यह जहान है
राजेश उत्साही
2009
हाथ दवा है
हाथों में ही
बसी हवा है
हाथ प्यार है
हाथ वार है
हाथों में ही
आविष्कार है
हाथ खेल है
हाथ रेल है
हाथों में ही
चम्पी-तेल है
हाथ्ा कलम है
हाथ श्रम है
हाथों में ही
छुपी शरम है
हाथ कान है
हाथ जुबान है
हाथों में ही
यह जहान है
राजेश उत्साही
2009
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जनाब गुल्लक में कुछ शब्द डालते जाइए.. आपको और मिलेंगे...