कहते हैं शादी एक ऐसा लड्डू है जो खाए वो भी पछताए और जो न खाए वो भी । तो जनाब हमने भी वही किया और करते-करते इतने दिन बीते कि लड्डू खाने के ऐतिहासिक दिन की पच्चीसवीं सालगिरह आन पहुंची है। हां, इस महीने की 23 तारीख को हमारा शहीदी दिवस है। इसमें बुरा मानने की कोई बात नहीं है। हम तो घर में इस दिन को इसी तरह याद करते हैं। इस लड्डू तक हम किस तरह पहुंचे यह बताने का हमारा बहुत मन है। बहुत कहानियां हैं आगे-पीछे की। चलिए शुरुआत करते हैं निमंत्रण से।
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तो यह रहा हमारा शादी का निमंत्रण पत्र। एकलव्य में आए जुम्मा-जुम्मा तीन साल ही हुए थे। उसके पहले नेहरू युवक केन्द्र में थे। वहां सायक्लोस्टाइल मशीन चलाने और उस पर नए-नए प्रयोग (आगे पढ़ने के लिए Read More बांए नीचे पर क्लिक करें)
करने का बहुत अनुभव था। और अंदर भी कहीं एक जज्बा था कि दुनिया जिस लीक पर चलती है हम उससे कुछ हटकर ही चलेंगे। तो यहां शुरुआत शादी के इस निमंत्रण पत्र से की। आप भी देखिए यह सायक्लोस्टाइल और मेरी अपनी हस्तलिपि में बना निमंत्रण पत्र। जाहिर है डिज़ायन भी अपना है।
करने का बहुत अनुभव था। और अंदर भी कहीं एक जज्बा था कि दुनिया जिस लीक पर चलती है हम उससे कुछ हटकर ही चलेंगे। तो यहां शुरुआत शादी के इस निमंत्रण पत्र से की। आप भी देखिए यह सायक्लोस्टाइल और मेरी अपनी हस्तलिपि में बना निमंत्रण पत्र। जाहिर है डिज़ायन भी अपना है।
पर हां आज इसे देखकर समझ आ रहा है कि इसमें भी हम कुछ क्रांति करने में चूक गए। वह क्या है आप बूझेंगे तो अच्छा लगेगा। वरना फिर हम तो बता ही देंगे। वैसे मित्रों के लिए हमने एक अलग निमंत्रण पत्र बनाया था। जिसमें लिखा था कि आखिरकार हमारी इस कोलम्बसी यात्रा का समापन हो ही गया और समापन समारोह में आप आमंत्रित हैं। इसे हमने कोलम्बसी यात्रा क्यों कहा यह जानने के लिए आपको इंतजार करना पड़े़गा। इस निमंत्रण को फोटो में बदलने की कसरत पिछली फरवरी में हबीबगंज रेल्वे स्टेशन पर भाई शिवनारायण गौर ने अपने कैमरे से की। वहां मैं अहमदाबाद जाने के लिए ट्रेन का इंतजार कर रहा था। इस इंतजार में वे और जीतेन्द्र ठाकुर सहभागी थे। उनका आभार।
nice
ReplyDeleteye shadi ka laddu mubarak ho aap ko
Bahut samhal kar rakha hai dost. Ab main samajh sakta hun ki tumhare shahidi diwas ke kya mayne hain. Baharhal lo luddu khao aur taiyar ho jao agle saal meri 25vi manane ke liye. maine sahas jutane men thodi der ki magar baki ke kam jaldi-jaldi niptaye. luddu kharid kar rakhna.
ReplyDeleteBAU JEE, NAMASTE.....
ReplyDeleteAAPNE KHAYE LADDOO BADHIYA AUR SASTE....
HUM BHI HAIN IS LADDOO KO TARASTE!!!
ANUBHAV SE BATAAIYE, KYA CHADH JAYE SOOLI HASTE-HASTE????
EESHWAR AAP DONO KO AUR SHAHEEDEE DIWAS DIKHAYE..... AGLI KISHT KA INTEZAAR RAHEGA....
FILHAAL JANIYE EK BACHELOR KE BAARE MEIN....
KYUN HOTA BAADAL BANJAARA...?
ASHISH :)
pad kar maja aaya our badhai bhi aap ko aap ke sath shahid hone vale ko bhi aap bahut purani yade saja kar rakhte ho
ReplyDeleteउत्साही जी यहां भी वही हाल है । आपके विजिटर की लिस्ट देखो तो बड़े बड़े नाम हैं उनमें। पर टिप्पणी करने के नाम पर वे कन्नी काट जाते हैं। ऐसा क्यों हो रहा है।
ReplyDeleteanonymousji aap bhi to apna naam daba gaye. khul ke bat karne men burai kya hai.
ReplyDeleteDost! Kya abhi tak rakhi yeh shaadi ki patrey? Chalo soch lena chahiye, yeh aapka dil ka mamlahai :)))
ReplyDeleteक्या बात है भैया..शादी की एक कीमती निशानी आप आज तक संभाल के रखे है..बढ़िया लगी यह प्रस्तुति भी शादी की सालगिरह की बधाई एडवांस में..
ReplyDeletefufaji, ye b ek "adventure" hai....
ReplyDeleteCongo....!!!!
-Anshu Verma
bahut khub
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