tag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post3982594082256023603..comments2023-11-18T06:23:22.197-08:00Comments on गुल्लक: जीवन शिक्षाराजेश उत्साहीhttp://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-41320530180753892542010-09-13T06:55:46.746-07:002010-09-13T06:55:46.746-07:00प्रेरक प्रसंग।प्रेरक प्रसंग।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-41620375945118687022010-09-06T03:03:08.542-07:002010-09-06T03:03:08.542-07:00बेहतरीन पोस्ट है...हालाँकि पहले पढ़ी हुई है लेकिन ...बेहतरीन पोस्ट है...हालाँकि पहले पढ़ी हुई है लेकिन प्रेरक बातें जितनी बार भी पढो अच्छी लगती हैं...शुक्रिया आपका...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-57238780103437313352010-09-05T00:54:24.291-07:002010-09-05T00:54:24.291-07:00जीवन हमें कितना ही परिपूर्ण और संतुष्ट लगे , लेकिन...जीवन हमें कितना ही परिपूर्ण और संतुष्ट लगे , लेकिन अपने खास मित्रों,परिचितों के साथ दो कप चाय पीने की जगह हमेशा होनी चाहिए ।<br />....बहुत भावपूर्ण सार्थक प्रस्तुति<br />शिक्षक दिवस की बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएँकविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-73588201136165157812010-09-04T20:12:09.615-07:002010-09-04T20:12:09.615-07:00बहुत अच्छी प्रस्तुति।बहुत अच्छी प्रस्तुति।हास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-44786662642216072492010-09-04T20:09:22.421-07:002010-09-04T20:09:22.421-07:00अच्छा लगा !अच्छा लगा !Coralhttps://www.blogger.com/profile/18360367288330292186noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-57059713687071248412010-09-04T19:41:02.580-07:002010-09-04T19:41:02.580-07:00सुंदर प्रस्तुति
मूल ध्यान गुरु रूप है, मूल पूजा गु...सुंदर प्रस्तुति<br />मूल ध्यान गुरु रूप है, मूल पूजा गुरु पाँव । <br />मूल नाम गुरु वचन है, मूल सत्य सतभाव ॥<br /><br /><a rel="nofollow"> हिन्दी, भाषा के रूप में एक सामाजिक संस्था है, संस्कृति के रूप में सामाजिक प्रतीक और साहित्य के रूप में एक जातीय परंपरा है। </a>राजभाषा हिंदीhttps://www.blogger.com/profile/17968288638263284368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-50043797687570475512010-09-04T13:16:59.357-07:002010-09-04T13:16:59.357-07:00मजा आ गया। कितने मस्त अंदाज में बात दिया जीवन का स...मजा आ गया। कितने मस्त अंदाज में बात दिया जीवन का सच।Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-60532836368269046042010-09-04T12:16:06.557-07:002010-09-04T12:16:06.557-07:00सर आर्थर कॉनन डॉयल ने शर्लॉक होम्स के मार्फत कहलवा...सर आर्थर कॉनन डॉयल ने शर्लॉक होम्स के मार्फत कहलवाया है कि आदमी का दिमाग़ घर के अंदर बना हुआ मचान के तरह होता है जिसपर आप फालतू का सामान जब चाहिए फेंकते रहते हैं.. सब सामान ऊपर जाकर ऐड्जस्ट हो जाता है..फिर एगो टाइम अईसा आता है कि हर नया सामान कोनो न कोनो पुराना सामान को बाहर हटाकर जम जाता है... <br />कुछ टेनिस बॉल हम भी समेटने का कोसिस किए थे..कुछ समय में जमा भी कर लिए थे, लेकिन लगता है बिछड़े सभी बारी बारी... खैर हँसुआ के बिआह में खुरपी का गीत, जाने दीजिए..<br />हमको भी मिला था ई वाला ई मेल..लेकिन मज़ा आ गया आपका लिखा पढकर... थकान के बाद दो कप चाय का मजा...चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.com