tag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post8518956389677725484..comments2023-11-18T06:23:22.197-08:00Comments on गुल्लक: मेरे पहले साहित्यिक गुरु : ब्रजेश परसाईराजेश उत्साहीhttp://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-68731937716746189692012-04-17T11:23:50.785-07:002012-04-17T11:23:50.785-07:00बहुत आत्मीय संस्मरण लिखा आपने। नंदनजी की फोटो देखक...बहुत आत्मीय संस्मरण लिखा आपने। नंदनजी की फोटो देखकर उनसे जुड़ी तमाम बातें याद आ गयीं।अनूप शुक्लhttp://hindini.com/fursatiyanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-178222160180725662012-04-17T09:11:27.414-07:002012-04-17T09:11:27.414-07:00संस्मरण पढ़कर एहसास हो रहा है कि यह चित्र कितना दु...संस्मरण पढ़कर एहसास हो रहा है कि यह चित्र कितना दुर्लभ है।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-41935954788559288312012-04-16T09:17:47.187-07:002012-04-16T09:17:47.187-07:00सच में बहुत ही आत्मीय पोस्ट..
मुझे ऐसे संस्मरण पढ़...सच में बहुत ही आत्मीय पोस्ट..<br />मुझे ऐसे संस्मरण पढ़ना बहुत अच्छा लगता है..<br />अफ़सोस की मेरे आसपस कोई भी ऐसा नहीं जिसे मैं साहित्य की चर्चा या बात कर सकूँ..abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-5201576528955797912012-04-15T23:13:09.118-07:002012-04-15T23:13:09.118-07:00कुछ लोगों का होना बहुत अहमियत रखता है, और न होनी ब...कुछ लोगों का होना बहुत अहमियत रखता है, और न होनी बहुत बड़ी कमी।<br />यादों के झरोखे से आपने बहुत ही भावपूर्ण प्रसंग उकेरा है। नमन।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-59281669714723923092012-04-15T07:48:56.306-07:002012-04-15T07:48:56.306-07:00किसी की याद आने का एक बहाना वाढ भी हो सकती है शुभक...किसी की याद आने का एक बहाना वाढ भी हो सकती है शुभकामनायेंSunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-41740731763152862162012-04-13T01:47:24.013-07:002012-04-13T01:47:24.013-07:00शुक्रिया भगीरथ जी। मैंने आपका जिक्र किया भी है। क्...शुक्रिया भगीरथ जी। मैंने आपका जिक्र किया भी है। क्या आप चित्र में हैं और हैं तो कहां बताने का कष्ट करें,ताकि मैं वहां आपका नाम लिख सकूं।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-78312832084513157242012-04-13T00:58:32.085-07:002012-04-13T00:58:32.085-07:00इस सम्मेलन में मैंने भी शिरकत की थी लघुकथा पाठ भी ...इस सम्मेलन में मैंने भी शिरकत की थी लघुकथा पाठ भी हुआ था।भगीरथhttps://www.blogger.com/profile/11868778846196729769noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-91885796913274468462012-04-12T10:27:07.008-07:002012-04-12T10:27:07.008-07:00राजेश जी, इस बार भोपाल जाएँ तो यह खुलासा पाने के ल...राजेश जी, इस बार भोपाल जाएँ तो यह खुलासा पाने के लिए एक बार और मिलें।बलराम अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/04819113049257907444noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-63467167511277612942012-04-10T22:30:41.397-07:002012-04-10T22:30:41.397-07:00बलराम जी इतना तो तय है कि मालती बसंत और मालती महाव...बलराम जी इतना तो तय है कि मालती बसंत और मालती महावर दो अलग-अलग व्यक्ति हैं। मालती बसंत की एक या दो कहानियां मैंने चकमक में प्रकाशित की हैं और उनसे मैं मिला भी हूं। हां वे रहती भोपाल में ही हैं।राजेश उत्साहीhttps://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-44076392130884077482012-04-10T22:14:36.444-07:002012-04-10T22:14:36.444-07:00ईश्वर की कृपा ही समझो कि आपके पहले माले पर स्थित आ...ईश्वर की कृपा ही समझो कि आपके पहले माले पर स्थित आवास में बाढ़ आ गई। न आती तो शायद यह अति महत्वपूर्ण तस्वीर न जाने कब तक पुस्तकों में दबी-ढकी पड़ी रहती--पुरुषवादी समाज में हजार तरह के परदों/पन्नो में छिपा रखी निरीह नारी सी। मालूम कीजिए उक्त महिला तब की मालती महावर और अब की मालती वसंत(यह इन दिनों शायद भोपाल में ही हैं) तो नहीं हैं।बलराम अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/04819113049257907444noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-50621004510035090212012-04-10T07:22:06.738-07:002012-04-10T07:22:06.738-07:00देखिये, घर में आयी बाढ़ ने स्मृतियों को सामने ला द...देखिये, घर में आयी बाढ़ ने स्मृतियों को सामने ला दिया।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-83396069254110848772012-04-10T07:21:25.814-07:002012-04-10T07:21:25.814-07:00आत्मीय परिचय... इस चित्र में भूले बिसरे श्री शंकर ...आत्मीय परिचय... इस चित्र में भूले बिसरे श्री शंकर पुणताम्बेकर जी के भी दर्शन हुए!! और सादर इतना ही कहूँगा कि चित्र में आप बिलकुल कबीर की तरह लग रहे हैं!! :)<br />और एक बात, बाद के पानी में कुछ लिखा धुंधला हो जाता है, ये तो सुना था.. लेकिन कुछ यादें सामने आ जाती हैं यह भी देख लिया!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-87078082463363683752012-04-10T07:19:37.804-07:002012-04-10T07:19:37.804-07:00आप बहुत संवेदनशील हैं, अपनों को न भुलाने वाले ...
...आप बहुत संवेदनशील हैं, अपनों को न भुलाने वाले ...<br />शुभकामनायें राजेश भाई !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-1981962448123088142012-04-10T06:47:11.038-07:002012-04-10T06:47:11.038-07:00ब्रजेश जी के बारे में जानकार अच्छा लगा. उन्हें या...ब्रजेश जी के बारे में जानकार अच्छा लगा. उन्हें याद करने का आपका अंदाज़ भी अच्छा लगा.P.N. Subramanianhttps://www.blogger.com/profile/01420464521174227821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-43017489563319695082012-04-10T05:56:04.446-07:002012-04-10T05:56:04.446-07:00बहुत बार किसी ख़ुशी के अवसर पर ऐसे ही होता है जो स...बहुत बार किसी ख़ुशी के अवसर पर ऐसे ही होता है जो सबसे करीब होता है उसे याद करना भूल जाते है ... खैर आपने अपने पहले साहित्यिक गुरु की याद में इतना कुछ खंगाल डाला यह क्या कम है .... इतनी पुरानी तस्वीर और नाम भी लिख डाले ...तो फिर भूले कहाँ है आप..<br />यादों के झरोखे से निकली सुन्दर प्रस्तुति हेतु आभार!कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-43799826422160934502012-04-10T05:32:07.079-07:002012-04-10T05:32:07.079-07:00ब्रजेश जी को जानकर अच्छा लगा.........
आपका कविता स...ब्रजेश जी को जानकर अच्छा लगा.........<br />आपका कविता संग्रह उनकी रूह तक पहुंचेगा अवश्य.....<br /><br />शुभकामनाएँ.<br /><br />सादर.ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-41010921462571398812012-04-10T04:43:14.080-07:002012-04-10T04:43:14.080-07:00यह पोस्ट ब्रजेश परसाई को तो याद करती ही है, उनके ब...यह पोस्ट ब्रजेश परसाई को तो याद करती ही है, उनके बहाने एक वक़्त को भी याद करती है। वह समय ऐसा ही जीवंत था। यह सब था जो कस्बों-शहरों को एक रचनात्मक ऊर्जा से भरे रखता था। वो शामें, वो रातें, वो दिन कमोबस लगभग हर शहर-कस्बे के हिस्से में आई थीं, हर जगह के अपने परसाई, उत्साही थे।Ek ziddi dhunhttps://www.blogger.com/profile/05414056006358482570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-77810326913045407912012-04-10T03:28:23.803-07:002012-04-10T03:28:23.803-07:00कुछ लोग हमेशा साथ रहते हैं इसी तरह ... भावमय करती ...कुछ लोग हमेशा साथ रहते हैं इसी तरह ... भावमय करती प्रस्तुतिसदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.com