tag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post6703429994229284294..comments2023-11-18T06:23:22.197-08:00Comments on गुल्लक: मैंने चाहा तो बस इतना : शिवरामराजेश उत्साहीhttp://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-35421626862988222011-02-25T10:35:29.879-08:002011-02-25T10:35:29.879-08:00बहुत अच्छी कविता।बहुत अच्छी कविता।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-11843177002286957672011-02-22T07:33:09.578-08:002011-02-22T07:33:09.578-08:00मैंने चाहा तो बस इतना
कि,जुगनू
एक चकमक
एक मशाल
एक ...मैंने चाहा तो बस इतना<br />कि,जुगनू<br />एक चकमक<br />एक मशाल<br />एक लाठी बन जाऊं मैं<br />बेसहारों का सहारा। <br /><br />बहुत ही अच्छी कविता...चाह होनी जरूरी है....चाह हो तो राह निकल ही आती है..<br />एक सार्थक रचना पढवाने का शुक्रियाrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-79063056655309827862011-02-21T00:20:31.478-08:002011-02-21T00:20:31.478-08:00मैंने चाहा तो बस इतना
कि,जुगनू
एक चकमक
एक मशाल
एक ...मैंने चाहा तो बस इतना<br />कि,जुगनू<br />एक चकमक<br />एक मशाल<br />एक लाठी बन जाऊं मैं<br />बेसहारों का सहारा...<br /><br />इंसान की चाहत का कोई अंत नहीं ... पर यदि वो एक भी चाहत पूरी कर सके तो जीवन सफल हो जाता है ...<br />गहरी अभिव्यक्ति है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-58832472363984980672011-02-19T09:47:35.332-08:002011-02-19T09:47:35.332-08:00कविता में ऐसा कितना कहा उन्होंने पता नहीं लेकिन श...कविता में ऐसा कितना कहा उन्होंने पता नहीं लेकिन शायद ऐसा वे जीवन भर करते रहे.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-55474461589492332802011-02-19T04:28:56.195-08:002011-02-19T04:28:56.195-08:00बढ़िया कविता. ताजगी से भरी हुई. बिना लाग-लपेट के अ...बढ़िया कविता. ताजगी से भरी हुई. बिना लाग-लपेट के अपनी बात कहती.परमेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/07894578838946949457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-3879566372714136752011-02-19T03:45:39.917-08:002011-02-19T03:45:39.917-08:00मैंने चाहा तो बस इतना
कि,जुगनू
एक चकमक
एक मशाल
एक ...मैंने चाहा तो बस इतना<br />कि,जुगनू<br />एक चकमक<br />एक मशाल<br />एक लाठी बन जाऊं मैं<br />बेसहारों का सहारा। <br />बहुत खूब । सार्थक रचना का आस्वाद लेने का मौका देने के लिये आभार ।<br />सधे हुए संपादक की यही भूमिका है । बखूबी निभा रहे हैं ।डॉ.मीनाक्षी स्वामी Meenakshi Swamihttps://www.blogger.com/profile/15313541475874234966noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-7777464170709870282011-02-19T02:36:36.623-08:002011-02-19T02:36:36.623-08:00बहुत ही सुन्दर शब्द हैं इस रचना के ...इस बेहतरीन...बहुत ही सुन्दर शब्द हैं इस रचना के ...इस बेहतरीन प्रस्तुति के लिये आभार ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-83283626192496497992011-02-19T00:21:00.596-08:002011-02-19T00:21:00.596-08:00पढ़कर अच्छा लगा, कविता में हृदय की जीवन्तता पिरो ग...पढ़कर अच्छा लगा, कविता में हृदय की जीवन्तता पिरो गये शिवरामजी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-25113920942055700482011-02-18T23:55:21.168-08:002011-02-18T23:55:21.168-08:00वाह...वाह...वाह...मुझे "पुष्प की अभिलाषा &quo...वाह...वाह...वाह...मुझे "पुष्प की अभिलाषा "...चाह नहीं मैं सुर बाला के बालों में गूंथा जाऊं.....गीत याद आ गया...अप्रतिम रचना है आपकी...बधाई स्वीकारें...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-23288586965391687772011-02-18T23:34:26.657-08:002011-02-18T23:34:26.657-08:00बढ़िया रचना पढवाने के लिए आभार ……………काश ऐसा सब सोच...बढ़िया रचना पढवाने के लिए आभार ……………काश ऐसा सब सोच पाते।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-10135010807832913612011-02-18T19:56:26.980-08:002011-02-18T19:56:26.980-08:00अच्छे लोग जल्दी चले जाते हैं राजेश भाई....
बढ़िया ...अच्छे लोग जल्दी चले जाते हैं राजेश भाई....<br />बढ़िया रचना पढवाने के लिए आभार आपका !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-24242140335321826402011-02-18T19:50:25.730-08:002011-02-18T19:50:25.730-08:00बहूं पुरवैया की तरह वहां
जहां सुस्ता रहें हैं
पसी...बहूं पुरवैया की तरह वहां<br />जहां सुस्ता रहें हैं<br />पसीने से तरबतर किसान<br />kavi shivram ji ko shraddhanjliरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-72742740904537938962011-02-18T11:54:58.962-08:002011-02-18T11:54:58.962-08:00दिवंगत कवि शिवराम जीकी कविता को पढ़ते हुये पुष्प की...दिवंगत कवि शिवराम जीकी कविता को पढ़ते हुये पुष्प की अभिलाषा याद आ गई! आज इनकी चाह को नमन करता हूँ!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.com