tag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post4735806064846493458..comments2023-11-18T06:23:22.197-08:00Comments on गुल्लक: काके लागूं पांय....राजेश उत्साहीhttp://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-79605344187502277242011-11-06T03:31:47.996-08:002011-11-06T03:31:47.996-08:00MERA BHI BADE BHAI RAJESH KO CHARAN SPRSH. UDAY TA...MERA BHI BADE BHAI RAJESH KO CHARAN SPRSH. UDAY TAMHANE.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-71438382398706462792011-07-31T12:20:04.155-07:002011-07-31T12:20:04.155-07:00यह सच है कि पाँव छूना हमारा एक अनुकरणीय संस्कार है...यह सच है कि पाँव छूना हमारा एक अनुकरणीय संस्कार है जिसके अनगिन लाभ हैं हानि कुछ नही । फिर भी पाँव छूने में स्वयं की श्रद्धा आवश्यक है । श्रद्धा को जब दूसरे लोग तय करते हैं तब वह संस्कार बोझ बन जाता है ।गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-86096890877921137432011-07-27T05:09:49.838-07:002011-07-27T05:09:49.838-07:00सही है, पैर छुओ तो दिल से...वर्ना तो कोरी कसरत होग...सही है, पैर छुओ तो दिल से...वर्ना तो कोरी कसरत होगी!SKThttps://www.blogger.com/profile/10729740101109115803noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-59037232651042925522011-07-25T05:02:15.993-07:002011-07-25T05:02:15.993-07:00पैर तो उसी के छूने चाहिए जिसके प्रति मन में श्रद्ध...पैर तो उसी के छूने चाहिए जिसके प्रति मन में श्रद्धा हो। स्वाभाविक है कि सभी के प्रति मन में श्रद्धा हो नहीं सकती।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-8789149037372064752011-07-22T19:29:16.456-07:002011-07-22T19:29:16.456-07:00मैंने भी कमेन्ट किये थे यहाँ, और इसके पहले पोस्ट प...मैंने भी कमेन्ट किये थे यहाँ, और इसके पहले पोस्ट पे भी..पता नहीं क्यों नहीं दिखे :O खैर वो बात फिर से रिपीट करता हूँ.. <br /><br />बात तब की है,जब मैं इंजीनियरिंग के सेमेस्टर एक्जाम के बाद मैं घर आ रहा था..पटना रेलवे स्टेशन से रिक्शा लिया घर के लिए..मेरे साथ मेरे एक मित्र भी थे..मैं अपने घर के सामने वाले मोड़ पे उतर गया..देखा पीछे से माँ भी आ रही है, मैंने माँ को प्रणाम किया..फिर देखा की जिस रिक्शे पे मेरे दोस्त थे, वो आगे बढ़ चुकी थी, लेकिन फिर भी उतर कर वो दौड़ते हुए आये और माँ के पैर छु के प्रणाम किया उन्होंने..<br />मेरी माँ को यह बड़ी अच्छी ली.... :)<br /><br />ऐसे ही कई और वाकये हैं ..<br /><br />वैसे जिनका मैं दिल से आदर करता हूँ, उनके पैर छूने पर अच्छा लगता है मुझे..abhihttps://www.blogger.com/profile/12954157755191063152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-13811319393435142832011-07-22T01:40:17.979-07:002011-07-22T01:40:17.979-07:00बड़ों के पैर छूने का रिवाज़ तो है ही..पर जब अपने म...बड़ों के पैर छूने का रिवाज़ तो है ही..पर जब अपने मन से श्रद्धावश कोई पैर छुए तो बरबस मन भर आता है..<br /><br />कई ऐसे ही प्रसंग याद आ गए...बढ़िया संस्मरण.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-75109950764246218702011-07-22T00:26:33.519-07:002011-07-22T00:26:33.519-07:00Mera to manana hai ki Charan sparsh man kee gahray...Mera to manana hai ki Charan sparsh man kee gahrayee se nikli ek aawaj hai.. jo aantrik bhawana hai....<br />bahut badiya vistar se jaankari ke saath bahut badiya saarthak chintan prastuti ke liye aabhar!कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-42717420387572371052011-07-20T15:14:33.592-07:002011-07-20T15:14:33.592-07:00बात तो आपकी सही है ..पर इस पर टिप्पणी देने से काम ...बात तो आपकी सही है ..पर इस पर टिप्पणी देने से काम नहीं चलेगा....में एक पोस्ट लिखूंगा २-३ दिन में....पिताजी से जुडी भी है.....और मेरे पाने विचार भी .... देखिएगा जरूर..(जरुर इसलिये की आप मेरी पोस्ट पर शयद आ नहीं रहे है.)Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-60830578495356568182011-07-20T08:18:43.212-07:002011-07-20T08:18:43.212-07:00dekhiye aapke sawaal ka jawaab to Rashmi ji ne de ...dekhiye aapke sawaal ka jawaab to Rashmi ji ne de diya... par main sahi batau, mujhe hamesha kharab lagta tha ki ladke pair chhoo ke aashirwaad ke hakdaar ho jate hain aur hame isase alag kar diya jata hai aur-to-aur ulta hamare hi pair chhote hain sab... sach mujhe lagta hai jaise us aashirwaad aur us sneh bhaav se ladkiyon ko alag kar diya jata hai...POOJA...https://www.blogger.com/profile/03449314907714567024noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-70012700979345404702011-07-20T08:05:25.582-07:002011-07-20T08:05:25.582-07:00aapke panw chhuker unko wahi milta hai jo aapko mi...aapke panw chhuker unko wahi milta hai jo aapko mila...रश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-18395968324388264072011-07-19T07:49:36.343-07:002011-07-19T07:49:36.343-07:00पैर छूना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें ह्रदय की पवित्...पैर छूना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें ह्रदय की पवित्र एवं सच्ची भावनाएं व्यक्त होती हैं... लगभग ऐसी ही घटनाएं सभी के जीवन में रही होंगी.. मुझे तो व्यक्तिगत तौर पर इस बात का बहुत अफ़सोस रहा है कि मैं कई लोगों के चरण स्पर्श न कर पाया जिसकी इच्छा थी.. उनमें से एक थे डा.राही मासूम राजा.. पिता जी के एक मित्र उनके करीबी रिश्तेदार थे और उनके यहाँ वे प्रायः आते थे. उन्होंने मिलवाने का वादा किया था.. लेकिन तभी राही मासूम का देहांत हो गया.. और सबसे ज़्यादा खुशी तब हुई जब के.पी.सक्सेना और अमृत लाल नागर जी के चरण छुए!! <br />मुग्ध कर गयी ये यादों की बरात!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-84882444848862376582011-07-19T06:47:27.182-07:002011-07-19T06:47:27.182-07:00राजेश जी गुणी व्यक्तियों के पाँव छूने में जो आत्मि...राजेश जी गुणी व्यक्तियों के पाँव छूने में जो आत्मिक संतोष और शांति मिलती है उसे शब्दों में नहीं बताया जा सकता...<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-51976966565302402082011-07-18T23:06:12.624-07:002011-07-18T23:06:12.624-07:00चरण स्पर्श श्रद्धा प्रकट करने का सबसे उत्तम माध्यम...चरण स्पर्श श्रद्धा प्रकट करने का सबसे उत्तम माध्यम है.. लेकिन यह संस्कार कम हो रहा है...अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-9966315424756283412011-07-18T20:21:17.401-07:002011-07-18T20:21:17.401-07:00महिलाओं के द्वारा चरण स्पर्श ठीक नहीं लगता है।महिलाओं के द्वारा चरण स्पर्श ठीक नहीं लगता है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-38705584610781721172011-07-18T19:23:13.121-07:002011-07-18T19:23:13.121-07:00किन्हीं सज्जन ने लिखा था कि वे पं. हजारी प्रसाद ...किन्हीं सज्जन ने लिखा था कि वे पं. हजारी प्रसाद द्विवेदी जी से मिलने गए, नमस्ते कर के बातें शुरू की और घंटे भर बाद चरण स्पर्श कर विदा ली.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.com