tag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post3845379265964068905..comments2023-11-18T06:23:22.197-08:00Comments on गुल्लक: नवरात्र, कमलेश्वर की याद और दो लघुकथाएंराजेश उत्साहीhttp://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-14066932411446977302011-12-02T03:29:51.899-08:002011-12-02T03:29:51.899-08:00RAJESH JI,
S. KAMLESHWAR JI, KA SANSMARN BADHIYA H...RAJESH JI,<br />S. KAMLESHWAR JI, KA SANSMARN BADHIYA HAI.<br />UDAY TAMHANEY.<br />BHOPAL.<br />9200184289Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-10514096674902080162011-11-28T03:58:02.334-08:002011-11-28T03:58:02.334-08:00MISROD SE HOSHANGABAD. HOSHANGABAD SE BHOPAL. BHOP...MISROD SE HOSHANGABAD. HOSHANGABAD SE BHOPAL. BHOPAL SE BANGLOR.SIDHI DAR SIDHI PRAGATI KARNA SHRESHT HAI. UDAY TAMHANEY. BHOPAL.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-23377127728224526552010-10-23T07:22:31.753-07:002010-10-23T07:22:31.753-07:00कमलेश्वर जी का संस्मरण पढ़ाने के लिए आभार। सारिका ...कमलेश्वर जी का संस्मरण पढ़ाने के लिए आभार। सारिका ने लघुकथा पढ़ने का शौक दिया था। आपकी लघुकथाएं भी कुछ वैसा ही असर डाल रही हैं।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-59848149341812639802010-10-21T02:09:54.545-07:002010-10-21T02:09:54.545-07:00‘अरे बेटा,जिसे अपनी दो रोटियों की चिंता खुद करनी प...‘अरे बेटा,जिसे अपनी दो रोटियों की चिंता खुद करनी पड़ती हो, उसकी चिता में दो-तीन मन लकडि़यां कौन लगाएगा?’... दिल को छू गई अंतिम पंक्तियाँ.. हाशिये पर का जीवन ऐसा ही होता है..अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-34382681548271838542010-10-21T01:32:19.853-07:002010-10-21T01:32:19.853-07:00कमलेश्वर जी को लेकर आपका संस्मरण मार्मिक है। ऐसा ल...कमलेश्वर जी को लेकर आपका संस्मरण मार्मिक है। ऐसा लगा कि मैं खुद अपना ही संस्मरण पढ़ रहा हूँ। एक स्थान से दूसरे स्थान तक खिसकना हम जैसे बहुत लोगों के लिए वाकई दुबई जाने-जैसा दुष्कर रहा है और उस विवशता ने हमें हमारे उद्देश्य से लगातार पीछे भी खिसकाया है। <br />आपकी दोनों लघुकथाएँ अच्छी हैं। बधाई।<br />आप इस बार बंगलौर आने की विशेष उपल्ब्धि रहे। रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' जी का आभार।बलराम अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/04819113049257907444noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-32438213731842041692010-10-18T06:38:26.533-07:002010-10-18T06:38:26.533-07:00आपकी लघुकथा दिल को छुं गई !आपकी लघुकथा दिल को छुं गई !Coralhttps://www.blogger.com/profile/18360367288330292186noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-44729625712739074632010-10-17T21:36:04.180-07:002010-10-17T21:36:04.180-07:00वाह उस्ताद वाह !वाह उस्ताद वाह !Indranil Bhattacharjee ........."सैल"https://www.blogger.com/profile/01082708936301730526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-444908163891871292010-10-17T01:03:03.066-07:002010-10-17T01:03:03.066-07:00मार्मिक।मार्मिक।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-2751582374252568652010-10-17T00:52:48.277-07:002010-10-17T00:52:48.277-07:00लघुकथा बहुत ही मार्मिक है, पढ़ते-पढ़ते मन में जैसे...लघुकथा बहुत ही मार्मिक है, पढ़ते-पढ़ते मन में जैसे चित्र रेखांकित होते गए। राजेश जी, सारिका और कमलेश्वर जी की यादें ताजा हो आईं।...और हां, चकमक और संदर्भ का मैं नियमित पाठक हूं। विजयादशमी पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-35016122449420770662010-10-17T00:27:26.717-07:002010-10-17T00:27:26.717-07:00इंतजाम, सचमुच देश में ऐसी हजारों अम्मां हैं जिन्हे...इंतजाम, सचमुच देश में ऐसी हजारों अम्मां हैं जिन्हें अपने लिए दो समय की रोटी के साथ अपनी चिता का इंतजाम खुद करना पड़ता है ।<br />मार्मिक कथा ।मनोज भारतीhttps://www.blogger.com/profile/17135494655229277134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-47358113112547693052010-10-16T22:50:23.759-07:002010-10-16T22:50:23.759-07:00कमलेश्वर जी के आप स्नेहिल बने रहे यह बड़ी बात है !...कमलेश्वर जी के आप स्नेहिल बने रहे यह बड़ी बात है !<br />....हम तो उनकी आवाज के दीवाने थे !प्रवीण त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/02126789872105792906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-76783097129143638422010-10-16T22:18:57.840-07:002010-10-16T22:18:57.840-07:00बड़े भाई! कमलेश्वर की यादों का ख़ज़ाना आपने जिस तरह ...बड़े भाई! कमलेश्वर की यादों का ख़ज़ाना आपने जिस तरह इस गुल्लक में समेटा है, उसके विषय में तो कुछ कहना ही नहीं… और आपकी लघुकथा ने कलेजा निकाल लिया… इस पर कुछ भी कहना उन भावनाओं को छोटा करना होगा, जो मेरे हृदय में इस कथा को पढने के बाद पैदा हुए हैं. यह लघुकथा चोटी की पायदान पर सुसज्जित होने वाला क़द रखती है!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-86673655173846819102010-10-16T21:20:51.242-07:002010-10-16T21:20:51.242-07:00राजेश जी इसे कहते हैं लघुकथा। आजकल पता नहीं लोग क्...राजेश जी इसे कहते हैं लघुकथा। आजकल पता नहीं लोग क्या लिख रहे हैं और बस लिखे जा रहे हैं। दूसरी लघुकथा पढने को मन उत्सुक है।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-12270222160477026192010-10-16T13:15:40.375-07:002010-10-16T13:15:40.375-07:00विजयादशमी के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के स...विजयादशमी के पावन अवसर पर आपको और आपके परिवार के सभी सदस्यों को हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई!मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com