tag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post3042290201824494336..comments2023-11-18T06:23:22.197-08:00Comments on गुल्लक: नागार्जुन: चम्पा और काले अच्छरराजेश उत्साहीhttp://www.blogger.com/profile/15973091178517874144noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-15007826758902745822011-10-19T03:47:26.410-07:002011-10-19T03:47:26.410-07:00नागार्जुन : चम्पा और काले अच्छर ?नागार्जुन : चम्पा और काले अच्छर ?siddheshwar singhhttps://www.blogger.com/profile/06227614100134307670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-75327094193456488592011-09-18T06:11:56.432-07:002011-09-18T06:11:56.432-07:00क्या-क्या देखा, क्या कहते हैं!
बाबा का अन्दाज़ निर...क्या-क्या देखा, क्या कहते हैं!<br />बाबा का अन्दाज़ निराला ...Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-47944399954250950062011-09-15T05:41:21.293-07:002011-09-15T05:41:21.293-07:00कलकत्ते पर बजर गिरे।
कितने निश्चल भाव हैं.कलकत्ते पर बजर गिरे।<br />कितने निश्चल भाव हैं.shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-80261806562137531572011-09-12T04:40:10.840-07:002011-09-12T04:40:10.840-07:00....कलकत्ते पर बजर गिरे।
....समापन के इस अंदाज से.......कलकत्ते पर बजर गिरे।<br /><br />....समापन के इस अंदाज से बजर कविता पर नहीं पाठक पर गिरता है। दिल धक्क से रह जाता है। इतनी सादगी से भी बजर गिराया जा सकता है, सीख मिलती है।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-35679992481090235572011-09-11T21:28:41.071-07:002011-09-11T21:28:41.071-07:00इस कालजयी रचना को एक बार फिर से पढना अच्छा लगा।
...इस कालजयी रचना को एक बार फिर से पढना अच्छा लगा।<br /><br />------<br /><a href="http://bm.samwaad.com/2009/09/blog-post.html" rel="nofollow">कब तक ढ़ोना है मम्मी, यह बस्ते का भार?</a><br /><a href="http://bm.samwaad.com/2007/08/blog-post_6082.html" rel="nofollow">आओ लल्लू, आओ पलल्लू, सुनलो नई कहानी।</a>Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-49759530087760444752011-09-10T13:45:21.183-07:002011-09-10T13:45:21.183-07:00विदेशिया की याद आ गई...विदेशिया की याद आ गई...Rohit Singhhttps://www.blogger.com/profile/09347426837251710317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-77612789985883484472011-09-10T08:13:36.875-07:002011-09-10T08:13:36.875-07:00मन को गहरे तक छू गई एक-एक पंक्ति...मन को गहरे तक छू गई एक-एक पंक्ति...Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-51561009238444486162011-09-09T10:09:28.452-07:002011-09-09T10:09:28.452-07:00इस सादगी पै कौन न मर जाए ये खुदा ....
शुभकामनायें ...इस सादगी पै कौन न मर जाए ये खुदा ....<br />शुभकामनायें आपको !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-2450206105248687392011-09-09T09:58:57.277-07:002011-09-09T09:58:57.277-07:00बाबा नागार्जुन कि कविता पढवाने के लिए आभारबाबा नागार्जुन कि कविता पढवाने के लिए आभारसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-55669819380840484602011-09-09T04:53:22.487-07:002011-09-09T04:53:22.487-07:00सुंदर, सामयिक प्रस्तुति के लिए आभार ।सुंदर, सामयिक प्रस्तुति के लिए आभार ।डॉ.मीनाक्षी स्वामी Meenakshi Swamihttps://www.blogger.com/profile/15313541475874234966noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-62121892329263854282011-09-09T02:42:34.568-07:002011-09-09T02:42:34.568-07:00सर जी मै तो बहुत दिनों के बाद आपका कविता पढ़ रहा हू...सर जी मै तो बहुत दिनों के बाद आपका कविता पढ़ रहा हूँ हमें इतना बढ़िया कविता पढने को मिला. धन्यवाद सर जी ...kkhttps://www.blogger.com/profile/01894478791323553762noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-24666551371137918932011-09-09T02:09:33.550-07:002011-09-09T02:09:33.550-07:00बहुत सुन्दर मासूमियत भरी रचना..
बचपन यह अबोधता बा...बहुत सुन्दर मासूमियत भरी रचना..<br />बचपन यह अबोधता बाद में कई अवसरों पर खटकती है....<br />बहुत बढ़िया सन्देश देती रचना प्रस्तुति के लिए आभार!कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-43529974314543405822011-09-08T20:27:46.587-07:002011-09-08T20:27:46.587-07:00आज भी स्थिति नहीं बदली है. चंपा है, काले अक्षर हैं...आज भी स्थिति नहीं बदली है. चंपा है, काले अक्षर हैं, कलकाता है, अब तो बम्बई और दिल्ली भी हो गए हैं... चंपा का बालम जा भी रहा है.. लेकिन ना तो कलकाता पर बजर गिर रहा है ना ही कविताओं में वे सरोकार दिख रहे हैं... नागार्जुन को नमन....अरुण चन्द्र रॉयhttps://www.blogger.com/profile/01508172003645967041noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-53344549968078785552011-09-08T18:06:38.000-07:002011-09-08T18:06:38.000-07:00बहुत शुक्रिया !!बहुत शुक्रिया !!Archana Chaojihttps://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-70926736880629546102011-09-08T12:09:20.648-07:002011-09-08T12:09:20.648-07:00कलकत्ते पर बजर गिरे
कितनी मासूम सी कविता है..पढव...कलकत्ते पर बजर गिरे <br /><br />कितनी मासूम सी कविता है..पढवाने का शुक्रियाrashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-9722512279206851562011-09-08T10:59:53.393-07:002011-09-08T10:59:53.393-07:00गुरुदेव!! वारी जाऊं इस कविता पर..कमाल का क्लाइमेक्...गुरुदेव!! वारी जाऊं इस कविता पर..कमाल का क्लाइमेक्स है!!चला बिहारी ब्लॉगर बननेhttps://www.blogger.com/profile/05849469885059634620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-10884501400767073342011-09-08T10:52:56.915-07:002011-09-08T10:52:56.915-07:00कविता अच्छी है ।कविता अच्छी है ।गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-62370421621205628812011-09-08T09:16:53.360-07:002011-09-08T09:16:53.360-07:00चम्पा ठीक ही कहती है।चम्पा ठीक ही कहती है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-29912115845640007282011-09-08T06:44:30.130-07:002011-09-08T06:44:30.130-07:00गुरुवर, आपकी रचना पर हमसे टिप्पणी नहीं होती ....गुरुवर, आपकी रचना पर हमसे टिप्पणी नहीं होती ....Sunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3145287657845619625.post-27396465643742070422011-09-08T04:32:02.744-07:002011-09-08T04:32:02.744-07:00क्या कहूँ? इस अप्रतिम रचना ने टिपण्णी लायक छोड़ा ह...क्या कहूँ? इस अप्रतिम रचना ने टिपण्णी लायक छोड़ा ही कहाँ है...बेजोड़<br /><br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.com